जी एस टी की तैय्यारी कैसे करें
जी एस टी की तैय्यारी कैसे करें
१. ३१-०३-१७ और ३०-०६-२०१७ की तारीख़ पर अपने दुकान का क्लोजिंग स्टाक को बिल अनुसार एवं उस पर वैट दर के अनुसार निकालें ..।।
२. अपने दुकान के स्टाक को उनकी मात्रा के रूप में विभाजित करते हुये सूची बनायें ...।।
३. आप जिस भी व्यापारी से लेन देन करते है उनसे उनका स्टेटमेन्ट मँगाकर अपने खाते का उचित मिलान कर लें ..॥
४. समस्त खरीदी को बिल अनुसार एवं वैट अनुसार सूचीबध्द करें ..।।
५. यदि आवश्यकता हो तो समय पूर्व अपने वैट के रिर्टन को रिवाइज कर लें..।।
६. यदि आपका कोई सी फ़ार्म या एच फ़ार्म पेंडिंग हो तो उसे भी ३०जून के पूर्व कर लें ..।।
७. अपने खाता बही को सही सही मेन्टेन करें तथा ३१-०३-२०१७ तक की स्थिति विवरण तैय्यार कर लें तथा सही सही पूरी जानकारी विभाग को प्रदान करें..।।
८. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जो माल ३० जून तक नहीं बिका है या जो बचत में रह गया है उसे ख़रीदी बिल एवं वैट दर के अनुसार सूची बनायें साथ ही उन बचत सामानों की ख़रीदी बिल भी साथ में लगायें ताकि आपको इनपुट मिल सके..।।
९. यदि कोई बचत माल १ वर्ष से ऊपर का है तो उसे ३० जून तक विक्रय कर देना श्रेयस्कर होगा अन्यथा उसका लोकल बिलिंग कर लें ..।।
१०. बचत स्टाक को वैट दर के अनुसार व सामानों की सूची अलग अलग बनायें ताकि किसी तकलीफ़ का सामना ना करना पड़े..।।
१२. यदि आपने किसी माल पर किसी भी प्रकार का इक्साईज ड्यूटी का भुगतान किया है तो उसे भी बिल के साथ सूचीबध्द करें..।।
१३. सभी क्रेता एवं विक्रेता का जी एस टी नंबर आपस में साझा करें ..।।
१४. यदि आप सर्विस टैक्स के दायरे में आते है तो आप अपना जी एस टी माईग्रेशन तत्काल करा लें ..।
१५.अाप अपने एकाऊन्टेन्ट को जी एस टी एवं उसके रिर्टन एवं फ़ार्म हेतु तैय्यार रखें या उसे ट्रेनिंग प्राप्त करने को कहें ..।
१६. आप अपने व्यवसाय में प्रतिष्ठान में एच एस एन कोड्स एवं जी एस टी की दर के चार्ट को उल्लेखित करें जिस का आप व्यवसाय करते है..।
१७. पुन: १ वर्ष या उससे पूर्व का स्टाक की जॉच कर लें ..।।
१८. अपने लाभ हानि खाते एवं स्टाक की समीक्षा करे..।
१९. अपने अपने जी एस टी कंसल्टैंट से लगातार संम्पर्क में रहें ..।।
२०. आपके व्यवसाय के आवश्यकतानुसार किसी भी माल का आदेश करें तो आदेश की प्रति जी एस टी फारमेट में तैय्यार करें ..।
२१. यदि आप अपने व्यवसाय में बिल कम्प्यूटर से काटना चाहते है तो जी एस टी साफ्टवेयर वाले ही फ़र्म से संम्पर्क कर साफ्टवेयर लगावें ..॥
२२. क्रमॉक २० एवं २१ को अपने जी एस टी इक्सपर्ट या जी एस टी कंसल्टैंट से जॉच करा लें ..।
२३. कृपया एकाऊन्ट एवं बिक्री बिल हेतु ओरिजनल एवं लायसेंन्सी साफ्टवेयर ही लें ..।।
२४. जी एस टी से संबंधित किसी भी प्रकार का मेल या मैसेज आने पर अपने जी एस टी कंसल्टैंट की राय लें ...।।
२५. जी एस टी पोर्टल पर नियमित रूप से अपने ख़रीदी एवं बिक्री की जानकारी अपलोड करें ..।
२६. जी एस टी पर देय कर, ब्याज एवं पेनाल्टी का भुगतान इंटरनेट बैन्किग या डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड से ही करें..।।
२७. तारीख़ व जी एस टी रिटर्न की जानकारी
(सभी व्यवसायियों के लिये)
जी एस टी आर १-- १० तारीख प्रत्येक माह
जी एस टी आर २-- १५ तारीख प्रत्येक माह
जी एस टी आर ३-- २० तारीख़ प्रत्येक माह
(कम्पोजिट डीलर हेतु)
जी एस टी आर ४ -- १८ तारीख़ हर क्वार्टर पर
(नान रेसीडेंट हेतु)
जी एस टी आर ५ -- २० तारीख़ प्रत्येक माह
( इनपुट सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर हेतु)
जी एस टी आर ६ -- १३ तारीख़ प्रत्येक माह
(टी डी एस रिटर्न हेतु)
जी एस टी आर ७ -- १० तारीख़ प्रत्येक माह
(ई कामर्स हेतु)
जी एस टी आर ८ -- १० तारीख़ प्रत्येक माह
( रजिस्टर्ड कर योग्य व्यक्ति)
जी एस टी आर ९ -- ३१ दिसंबर प्रत्येक वर्ष
२८. पेनाल्टी प्रोविजन
जी एस टी रिटर्न पर १००/- प्रतिदिन या ५०००/- अधिकतम..।।
२९. वार्षिक विवरणी समय पर दाख़िल नहीं करने पर ०.२५% आपके वार्षिक टर्न ओवर का ..।।
३०. इनपुट क्रेडिट का लाभ सिर्फ़ समय पर जी एस टी रिटर्न दाख़िल करने पर ही मिलेगा ..।।
VISIT: GST Kya Hai ?? – जीएसटी क्या है और इससे भारत में टैक्स के क्षेत्र में कैसे बदलावआएगा
GST – 10 Questions Answered Top 5 GST software in India
१. ३१-०३-१७ और ३०-०६-२०१७ की तारीख़ पर अपने दुकान का क्लोजिंग स्टाक को बिल अनुसार एवं उस पर वैट दर के अनुसार निकालें ..।।
२. अपने दुकान के स्टाक को उनकी मात्रा के रूप में विभाजित करते हुये सूची बनायें ...।।
३. आप जिस भी व्यापारी से लेन देन करते है उनसे उनका स्टेटमेन्ट मँगाकर अपने खाते का उचित मिलान कर लें ..॥
४. समस्त खरीदी को बिल अनुसार एवं वैट अनुसार सूचीबध्द करें ..।।
५. यदि आवश्यकता हो तो समय पूर्व अपने वैट के रिर्टन को रिवाइज कर लें..।।
६. यदि आपका कोई सी फ़ार्म या एच फ़ार्म पेंडिंग हो तो उसे भी ३०जून के पूर्व कर लें ..।।
७. अपने खाता बही को सही सही मेन्टेन करें तथा ३१-०३-२०१७ तक की स्थिति विवरण तैय्यार कर लें तथा सही सही पूरी जानकारी विभाग को प्रदान करें..।।
८. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जो माल ३० जून तक नहीं बिका है या जो बचत में रह गया है उसे ख़रीदी बिल एवं वैट दर के अनुसार सूची बनायें साथ ही उन बचत सामानों की ख़रीदी बिल भी साथ में लगायें ताकि आपको इनपुट मिल सके..।।
९. यदि कोई बचत माल १ वर्ष से ऊपर का है तो उसे ३० जून तक विक्रय कर देना श्रेयस्कर होगा अन्यथा उसका लोकल बिलिंग कर लें ..।।
१०. बचत स्टाक को वैट दर के अनुसार व सामानों की सूची अलग अलग बनायें ताकि किसी तकलीफ़ का सामना ना करना पड़े..।।
१२. यदि आपने किसी माल पर किसी भी प्रकार का इक्साईज ड्यूटी का भुगतान किया है तो उसे भी बिल के साथ सूचीबध्द करें..।।
१३. सभी क्रेता एवं विक्रेता का जी एस टी नंबर आपस में साझा करें ..।।
१४. यदि आप सर्विस टैक्स के दायरे में आते है तो आप अपना जी एस टी माईग्रेशन तत्काल करा लें ..।
१५.अाप अपने एकाऊन्टेन्ट को जी एस टी एवं उसके रिर्टन एवं फ़ार्म हेतु तैय्यार रखें या उसे ट्रेनिंग प्राप्त करने को कहें ..।
१६. आप अपने व्यवसाय में प्रतिष्ठान में एच एस एन कोड्स एवं जी एस टी की दर के चार्ट को उल्लेखित करें जिस का आप व्यवसाय करते है..।
१७. पुन: १ वर्ष या उससे पूर्व का स्टाक की जॉच कर लें ..।।
१८. अपने लाभ हानि खाते एवं स्टाक की समीक्षा करे..।
१९. अपने अपने जी एस टी कंसल्टैंट से लगातार संम्पर्क में रहें ..।।
२०. आपके व्यवसाय के आवश्यकतानुसार किसी भी माल का आदेश करें तो आदेश की प्रति जी एस टी फारमेट में तैय्यार करें ..।
२१. यदि आप अपने व्यवसाय में बिल कम्प्यूटर से काटना चाहते है तो जी एस टी साफ्टवेयर वाले ही फ़र्म से संम्पर्क कर साफ्टवेयर लगावें ..॥
२२. क्रमॉक २० एवं २१ को अपने जी एस टी इक्सपर्ट या जी एस टी कंसल्टैंट से जॉच करा लें ..।
२३. कृपया एकाऊन्ट एवं बिक्री बिल हेतु ओरिजनल एवं लायसेंन्सी साफ्टवेयर ही लें ..।।
२४. जी एस टी से संबंधित किसी भी प्रकार का मेल या मैसेज आने पर अपने जी एस टी कंसल्टैंट की राय लें ...।।
२५. जी एस टी पोर्टल पर नियमित रूप से अपने ख़रीदी एवं बिक्री की जानकारी अपलोड करें ..।
२६. जी एस टी पर देय कर, ब्याज एवं पेनाल्टी का भुगतान इंटरनेट बैन्किग या डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड से ही करें..।।
२७. तारीख़ व जी एस टी रिटर्न की जानकारी
(सभी व्यवसायियों के लिये)
जी एस टी आर १-- १० तारीख प्रत्येक माह
जी एस टी आर २-- १५ तारीख प्रत्येक माह
जी एस टी आर ३-- २० तारीख़ प्रत्येक माह
(कम्पोजिट डीलर हेतु)
जी एस टी आर ४ -- १८ तारीख़ हर क्वार्टर पर
(नान रेसीडेंट हेतु)
जी एस टी आर ५ -- २० तारीख़ प्रत्येक माह
( इनपुट सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर हेतु)
जी एस टी आर ६ -- १३ तारीख़ प्रत्येक माह
(टी डी एस रिटर्न हेतु)
जी एस टी आर ७ -- १० तारीख़ प्रत्येक माह
(ई कामर्स हेतु)
जी एस टी आर ८ -- १० तारीख़ प्रत्येक माह
( रजिस्टर्ड कर योग्य व्यक्ति)
जी एस टी आर ९ -- ३१ दिसंबर प्रत्येक वर्ष
२८. पेनाल्टी प्रोविजन
जी एस टी रिटर्न पर १००/- प्रतिदिन या ५०००/- अधिकतम..।।
२९. वार्षिक विवरणी समय पर दाख़िल नहीं करने पर ०.२५% आपके वार्षिक टर्न ओवर का ..।।
३०. इनपुट क्रेडिट का लाभ सिर्फ़ समय पर जी एस टी रिटर्न दाख़िल करने पर ही मिलेगा ..।।
VISIT: GST Kya Hai ?? – जीएसटी क्या है और इससे भारत में टैक्स के क्षेत्र में कैसे बदलावआएगा
GST – 10 Questions Answered Top 5 GST software in India
Comments
Post a Comment